स्पष्टवादी विचारों के धनी थे चौधरी जसवंत सिंह
Biography of Jaswant Singh
Biography of Jaswant Singh: हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग, हरियाणा विद्युत सुधार अधिनियम, 1997 के प्रावधान के अनुसार एक स्वतंत्र सांविधिक निगमित निकाय के रूप में 17 अगस्त 1998 को स्थापित किया गया था। तत्कालीन हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी जसवंत सिंह हरियाणा विद्युत सुधार अधिनियम 1997 के खिलाफ थे। वह अपनी जनसभाओं में भी कहते थे कि यह अधिनियम बिजली क्षेत्र को निजीकरण क्षेत्र में लाने की शुरुआत है। वह सार्वजनिक रूप से अपनी सरकार के खिलाफ खुलकर बोलते थे। मुझे कई बार चौधरी जसवंत सिंह की जनसभाएं कवर करने और मंच संचालन करने का मौका मिला। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ वे अपने ही मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल को भी निशाने पर रखते थे। उनके कार्यक्रमों ,जनसभाओं की विज्ञप्ति जारी करते हुए विभाग के अधिकारियों को विशेष ध्यान रखना होता था कि उनका कोई भी वक्तव्य सरकार के खिलाफ न जाए। हालांकि वह जनसभा में बोलते हुए यहां तक कह देते थे कि यहां प्रेस के लोग बैठे हुए हैं हुए मेरी बात को जनता तक पहुंचाएं। ऐसी सीधी सपाट बात रखने वाले और अपने ही सरकार के निर्णयों का विरोध करने वाले बहुत कम लोग होते हैं। चौधरी जसवंत सिंह ऐसे निडरता , निर्भयता और स्वतंत्र रूप से विचार रखने वाले नेता थे। वे अपनी जनसभा में अपने विद्यार्थी जीवन की शिक्षा और खेल से जुड़ी बातों को भी शेयर करते थे। शिक्षा प्रेमी होने का उनसे संबंधित एक वाक्या यह भी है कि जब हिसार में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल ने श्री गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय स्थापित करवाया था। चौधरी भजनलाल के बाद हरियाणा की बागडोर चौधरी बंसीलाल के हाथों में आई। चौधरी बंसीलाल उस समय गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय को बंद करना चाहते थे। विश्वविद्यालय के उस समय के कुलपति श्री जोहर ने चौधरी जसवंत सिंह में एक आशा की किरण दिखाई दी और उन्होंने विश्वविद्यालय की सपोर्ट करने के लिए चौधरी जसवंत सिंह को विश्वविद्यालय में आमंत्रित किया। जब मंच पर बोलते हुए कुलपति श्री जौहर ने उनके सम्मान में और विश्वविद्यालय की सपोर्ट लेने के लिए यह कहा कि हम आपको झुक कर सलाम करते हैं इस विश्वविद्यालय को बचाने में आप सरकार से सिफारिश करें। उसी समय अपने संबोधन में चौधरी जसवंत सिंह ने कहा कि मैं गुरुजनों का सम्मान करता हूं और मैं गुरुजनों को चरण स्पर्श करता हूं और यह भी वादा करता हूं कि विश्वविद्यालय को बचाने में मैं अपनी पूरी ताकत लगा दूंगा। अंततः गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय बचा, जो आज राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े शिक्षा के केंद्र के रूप में उभर रहा है। शिक्षा और गुरुजनों का सम्मान चौधरी जसवंत सिंह के संस्कारों में व्याप्त था।
चौधरी जसवंत सिंह स्ट्राइक के रूप में एक बेहतर हॉकी खिलाड़ी भी थे । वे जिस प्रकार से हॉकी के गोल में सटीक निशाना साधने में माहिर थे उसी प्रकार राजनीति में भी वे अपनी बात कहने से चूकते नहीं थे। युवा उन्हें एक प्रेरक के रूप में देखते थे। ऐसी साफ सुथरी छवि के धनी,शिक्षा व खेल प्रेमी व्यक्तित्व को मैं अपनी ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।